LYRIC
Ramdev Chalisa | रामदेव चालीसा
रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa) रामदेव संप्रदाय के संस्थापक गुरु श्री रामदेव पर आधारित एक लंबा, भक्ति गीत है। यह अक्सर उनके सम्मान में समारोहों और त्योहारों के दौरान सुनाया जाता है। श्री रामदेव को बाबा रामदेव, रामदेवजी, रामदेव पीर और रामशा पीर के नाम से भी जाना जाता है।
बाबा रामदेव, जिन्हें रामदेव जी के नाम से भी जाना जाता है, राजस्थान और गुजरात में एक पूजनीय देवता हैं। भाद्रपद और शुक्ल पक्ष द्वितीया के महीनों में उनके भक्त पूरे भारत से उनकी समाधि, रामदेवरा के दर्शन के लिए आते हैं। रामदेवरा मेला एक लोकप्रिय कार्यक्रम है जिसमें पूरे भारत से लाखों लोग जश्न मनाने आते हैं।

Ramdev
॥ दोहा रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa)॥
श्री गुरु पद नमन करि,गिरा गनेश मनाय।
कथूं रामदेव विमल यश,सुने पाप विनशाय॥
द्वार केश से आय कर,लिया मनुज अवतार।
अजमल गेह बधावणा,जग में जय जयकार॥
॥ चौपाई रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa)॥
जय जय रामदेव सुर राया।अजमल पुत्र अनोखी माया॥
विष्णु रूप सुर नर के स्वामी।परम प्रतापी अन्तर्यामी॥
ले अवतार अवनि पर आये।तंवर वंश अवतंश कहाये॥
संत जनों के कारज सारे।दानव दैत्य दुष्ट संहारे॥
परच्या प्रथम पिता को दीन्हा।दूध परीण्डा मांही कीन्हा॥
कुमकुम पद पोली दर्शाये।ज्योंही प्रभु पलने प्रगटाये॥
परचा दूजा जननी पाया।दूध उफणता चरा उठाया॥
परचा तीजा पुरजन पाया।चिथड़ों का घोड़ा ही साया॥
परच्या चौथा भैरव मारा।भक्त जनों का कष्ट निवारा॥
पंचम परच्या रतना पाया।पुंगल जा प्रभु फंद छुड़ाया॥
परच्या छठा विजयसिंह पाया।जला नगर शरणागत आया॥
परच्या सप्तम् सुगना पाया।मुवा पुत्र हंसता भग आया॥
परच्या अष्टम् बौहित पाया।जा परदेश द्रव्य बहु लाया॥
भंवर डूबती नाव उबारी।प्रगत टेर पहुँचे अवतारी॥
नवमां परच्या वीरम पाया।बनियां आ जब हाल सुनाया॥
दसवां परच्या पा बिनजारा।मिश्री बनी नमक सब खारा॥
परच्या ग्यारह किरपा थारी।नमक हुआ मिश्री फिर सारी॥
परच्या द्वादश ठोकर मारी।निकलंग नाड़ी सिरजी प्यारी॥
परच्या तेरहवां पीर परी पधारया।ल्याय कटोरा कारज सारा॥
चौदहवां परच्या जाभो पाया।निजसर जल खारा करवाया॥
परच्या पन्द्रह फिर बतलाया।राम सरोवर प्रभु खुदवाया॥
परच्या सोलह हरबू पाया।दर्श पाय अतिशय हरषाया॥
परच्या सत्रह हर जी पाया।दूध थणा बकरया के आया॥
सुखी नाडी पानी कीन्हों।आत्म ज्ञान हरजी ने दीन्हों॥
परच्या अठारहवां हाकिम पाया।सूते को धरती लुढ़काया॥
परच्या उन्नीसवां दल जी पाया।पुत्र पाय मन में हरषाया॥
परच्या बीसवां पाया सेठाणी।आये प्रभु सुन गदगद वाणी॥
तुरंत सेठ सरजीवण कीन्हा।उक्त उजागर अभय वर दीन्हा॥
परच्या इक्कीसवां चोर जो पाया।हो अन्धा करनी फल पाया॥
परच्या बाईसवां मिर्जो चीहां।सातो तवा बेध प्रभु दीन्हां॥
परच्या तेईसवां बादशाह पाया।फेर भक्त को नहीं सताया॥
परच्या चैबीसवां बख्शी पाया।मुवा पुत्र पल में उठ धाया॥
जब-जब जिसने सुमरण कीन्हां।तब-तब आ तुम दर्शन दीन्हां॥
भक्त टेर सुन आतुर धाते।चढ़ लीले पर जल्दी आते॥
जो जन प्रभु की लीला गावें।मनवांछित कारज फल पावें॥
यह चालीसा सुने सुनावे।ताके कष्ट सकल कट जावे॥
जय जय जय प्रभु लीला धारी।तेरी महिमा अपरम्पारी॥
मैं मूरख क्या गुण तब गाऊँ।कहाँ बुद्धि शारद सी लाऊँ॥
नहीं बुद्धि बल घट लव लेशा।मती अनुसार रची चालीसा॥
दास सभी शरण में तेरी।रखियों प्रभु लज्जा मेरी॥
रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa) एक दिव्य रूप से प्रेरित प्रार्थना गीत है जो लोगों को उनकी सभी परेशानियों से छुटकारा दिलाने में मदद करता है। भगवान विष्णु के अवतार रामदेव को पीर कृपा-सिंधु कहा जाता है, और यह स्पष्ट है कि उनका आशीर्वाद हमेशा स्वागत योग्य है। जो कोई भी रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa) पढ़ता है या उसका जाप करता है, वह सुनिश्चित हो सकता है कि बदले में उन्हें आशीर्वाद मिलेगा।
श्री रामदेवजी अपने दिव्य मंत्र, श्री रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa) का जाप करने वालों को आशीर्वाद देने में हमेशा प्रसन्न रहते हैं। रामदेव चालीसा (Ramdev Chalisa) प्रार्थना को नियमित रूप से पढ़ने से आपको स्वयं श्री रामदेवजी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। बाबा रामदेव को मुसलमान पूजते हैं और वे उन्हें रामशाह पीर कहते हैं। कहा जाता है कि उसके पास चमत्कारी शक्तियाँ थीं और उसकी ख्याति दूर-दूर तक फैली हुई थी।
No comments yet