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Vamana avatar Katha (वामन अवतार कथा)
तीन कदम में( vamana avatar Katha)वामन देव ने अपने पैर से तीनों लोकों को नापकर राजा बलि का घमंड तोड़ा था।
Vamana Avatar overjoyed by commitment \ वामन अवतार वचनबद्धता से अतिप्रसन्न हुये
पौराणिक कथा के अनुसार बलि विरोचन के पुत्र तथा विष्णु भक्त प्रह्लाद के पौत्र थे और एक दयालु असुर राजा के रूप में जाने जाते थे।
यह भी कहा जाता है कि अपनी तपस्या तथा शक्ति के माध्यम से बलि ने त्रिलोक पर आधिपत्य पा लिया था।
वामन अवतार (vamana avatar) एक बौने ब्राह्मण के वेश में बलि के पास गए और उनसे अपने रहने के लिए तीन पग भूमि देने का आग्रह किया।
हालांकि गुरु शुक्राचार्य ने राजा बलि को किसी भी प्रकार के वचन देने को लेकर चेताया, लेकिन राजा बलि ने माने और ब्राह्मण पुत्र को वचन दिया कि उनकी यह मनोकामना जरूर पूरी करेंगे।
वामन देव ने अपना आकार इतना बढ़ा लिया कि पहले ही पग में पूरा भूलोक नाप लिया।
दूसरे पग में देवलोक नाप लिया । इसके पश्चात ब्रह्मा ने अपने कमंडल के जल से वामन के पांव धोये।
इसी जल से गंगा उत्पन्न हुई। तीसरे पग के लिए कोई भूमि बची ही नहीं।
वचन के पक्के बलि ने तब (vamana avatar)वामन को तीसरा पग रखने के लिए अपना सिर प्रस्तुत कर दिया।
(vamana avatar)वामन बलि की वचनबद्धता से अतिप्रसन्न हुये।
यतः राजा बलि के दादा प्रह्लाद भगवान विष्णु के परम भक्त थे,
भगवान विष्णु ने बलि को सुताल लोक देने का निश्चय किया
और अपना तीसरा पग बलि के सिर पर रखा जिसके कारण बलि पाताल लोक में पहुंच गया।
Story of Vamana Avatar Fifth Avatar of Lord Vishnu \ वामन अवतार भगवान विष्णु का पांचवां अवतार कथा
(vamana avatar)वामन देव ने भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष द्वादशी को अभिजीत मुहूर्त में श्रवण नक्षत्र में माता अदिति व कश्यप ऋषि के पुत्र के रूप में जन्म लिया था भागवत पुराण के अनुसार अत्यंत बलशाली दैत्य राजा बलि ने इंद्र देव को पराजित कर स्वर्ग पर अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया था।
भगवान विष्णु के परमभक्त प्रह्लाद के पौत्र और दानवीर राजा होने के बाद भी राजा बलि एक अभिमानी राक्षस था ।
बलि अपनी शक्ति का दुरूपयोग कर देवताओं और ब्राह्मणों को डराया व धमकाया करता था।
अत्यंत पराक्रमी और अजेय बलि अपने बल से स्वर्ग लोक, भू लोक तथा पाताल लोक का स्वामी बन बैठा।
Vaman Avatar snatches Indra Dev’s right from heaven \ वामन अवतार स्वर्ग से छीना इंद्र देव का अधिकार
जब स्वर्ग से इंद्र देव का अधिकार छिन गया,तो इंद्रदेव अन्य देवताओं को साथ लेकर भगवान विष्णु के पास पहुंचे।
इंद्रदेव ने भगवान विष्णु को अपनी पीड़ा बताते हुए सहायता के लिए विनती की।
देवताओं की ऐसी हालत देख भगवान विष्णु ने आश्वासन दिया।
कि वे तीनों लोकों को राजा बलि के अत्याचारों से मुक्ति दिलवाने के लिए माता अदिति के गर्भ से वामन अवतार के रूप में जन्म लेंगे।
जिसके बाद भगवान विष्णु ने(vamana avatar) वामन के रूप में धरती पर पांचवां अवतार लिया।
How to worship Vaman Avatar \ वामन अवतार पूजन विधि
एकादशी का बेहद महत्व है,इस दिन लोग पूर्ण विधि के अनुसार व्रत रखते हैं
और विधि विधान से पूजन करते हैं हर एक एकादशी को पूजन करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी को(vamana avatar) वामन जयंती मनाई जाती है।
भागवत पुराण के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने ब्राह्मण बालक के रूप में अवतार लिया था
वामन भगवान विष्णु के दशावतार में से पांचवें अवतार थे। जबकि त्रेता युग में पहले अवतार थे।
भगवान वामन ने प्रह्लाद के पौत्र राजा बलि का घमंड तोड़ने के लिए तीन कदम में तीनों लोक नाप दिए थे।
इस दिन भगवान (vamana avatar)वामन की मूर्ति या चित्र की पूजा की जाती है।
मूर्ति है तो दक्षिणावर्ती शंख में गाय का दूध लेकर अभिषेक करना चाहिए।
भगवान वामन की कथा सुनकर बाद में आरती करनी चाहिए।
अंत में चावल, मिश्री और दही का दान कर किसी गरीब या ब्राह्मण को भोजन करवाना चाहिए।
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